बंद किये कमरा
कोई बैठा रहता है !
ख़याल ज़मीं पे
रेंगा करता है !
जो बाहर से कोई
बुला बैठता है,
खाब दीवारें
चढ़ने लगता है !
चाहे कितना ही
ना कह दें उसको,
बोझिल बातों की,
जी कहाँ सुनता है ?
और फिर मुंह के
बल गिरता है!
I found while searching in Google that 'Ghayas' charaterises a person who excels in his deeds while being alone. Thus it suits.This blog contains compositions from me.Let's have a 'read'!
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