सरे बाज़ार यूँ हर पेड़,
है खुश कहाँ?
सोई सी पाती, झुकी सी शाखें,
इसे कुछ रंज होता है !,
खुदी में नज़रबंद होता है !
जंगल में शजर हर कोई
जगी, तनी पातियों में,
हर शाख में तना,
जंगली सही कुछ,
मगर बड़ा खुशरंग होता है !
I found while searching in Google that 'Ghayas' charaterises a person who excels in his deeds while being alone. Thus it suits.This blog contains compositions from me.Let's have a 'read'!
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