वे बारबार कहते हैं के
'हर जज़बात समझते हैं',
वे हरबार सुनाते हैं के
'फ़िर भी ये मुमकिन नहीं'
हरदम कि चाहत है उनकी
कहीं ठेस लगे ना मेरे जी को
पूछती रवाँ हर साँस भी है
'मेरे कि तुम होते कौन हो'?
I found while searching in Google that 'Ghayas' charaterises a person who excels in his deeds while being alone. Thus it suits.This blog contains compositions from me.Let's have a 'read'!
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