Saturday, May 1, 2010

अभी तो... बाकी थी होनी


अभी तो... बाकी थी होनी,

चाँद तारों की बातें.........,

अभी अभी तो... बस होते,

हम दोनो हि कहीं फ़लक मे।

लेकिन अब क्या कहूँ,कैसे लिक्खूँ,

सूखते से जाते हैं..... हर अल्फ़ाज़

और........ चुभते रहते हैं काटों से,

इस सिकुड़े हुए.......... हलक मे।

No comments:

Post a Comment